Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
1 Feb 2021 · 1 min read

कुछ खत मोहब्बत के नाम

कुछ खत मोहब्बत के,जस् उड़ते पंछी,
उन्मुक्त गगन में, जुडे हुए डोर जीवन से.
कबूतर को माध्यम बना, खत उसे डाला.
जीवन को उसके, रंग में अपने ढहाला.

रंग भरे उसने भी अपने,सतरंगी इंद्रधनुषी.
कर दिया रोशन, जीवन को, उभार कर.
जस् उडते पंछी, उन्मुक्त गगन में.
लाख पहरे है, बेडियां बिन कैद की.

कुछ खत मोहब्बत के, खुल गये सब पहरे.
टूट गई सब बेडियां, बस हम और तुम.
आयोजन नहीं ये कोई,सबकुछ नैसर्गिक.
रोक न पाया, लिख डाला,जो याद आया.

तुम्हारी तारीफ के अंदाज, नभ उतर आए.
स्वप्न में भी पढे जाते, कुछ खत मोहब्बत के
महेंद्र तनिक शर्माया मिजाज से तेरे.
ढंग से सो नहीं पाया, जो था सब पाया.

लोग कहते है जीवन में, क्या खोया पाया.
कुछ खत मोहब्बत के,सब पाया सब पाया.
नींद खोई चैन पाया,यही दास्तां जीवन की,
था जीवन में जो सबके सब वापिस लौटाया

~महेन्द्र सिंह हंस
महादेव क्लीनिक,
मानेसर. 122050

9 Likes · 54 Comments · 858 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Mahender Singh
View all

You may also like these posts

" मेरी जान "
ज्योति
क्रोध
क्रोध
Durgesh Bhatt
जीवन में हर एक व्यक्ति किसी न किसी पर विश्वास करके ही ज़िन्द
जीवन में हर एक व्यक्ति किसी न किसी पर विश्वास करके ही ज़िन्द
ललकार भारद्वाज
चांद को छुते हुए जीवन को छुएंगे।
चांद को छुते हुए जीवन को छुएंगे।
जय लगन कुमार हैप्पी
क्या कहूं?
क्या कहूं?
शिवम राव मणि
दोस्ती दुश्मनी
दोस्ती दुश्मनी
अश्विनी (विप्र)
Vishal Prajapati
Vishal Prajapati
Vishal Prajapati
दरमियान कुछ नहीं
दरमियान कुछ नहीं
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
"हमारी खामी"
Yogendra Chaturwedi
**नेकी की राह पर तू चल सदा**
**नेकी की राह पर तू चल सदा**
Kavita Chouhan
"धीरे-धीरे"
Dr. Kishan tandon kranti
$ग़ज़ल
$ग़ज़ल
आर.एस. 'प्रीतम'
A 4
A 4
Iamalpu9492
कोरी किताब
कोरी किताब
Dr. Bharati Varma Bourai
*सहना सीखो आघातों को, सीने पर बाणों को झेलो (राधेश्यामी छंद
*सहना सीखो आघातों को, सीने पर बाणों को झेलो (राधेश्यामी छंद
Ravi Prakash
आवारा
आवारा
Vikram soni
मैं नहीं हूं अपने पापा की परी
मैं नहीं हूं अपने पापा की परी
Pramila sultan
नीली बदरिया में चांद निकलता है,
नीली बदरिया में चांद निकलता है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
विचार
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
4277.💐 *पूर्णिका* 💐
4277.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
भरें भंडार
भरें भंडार
Mahesh Jain 'Jyoti'
“पेपर लीक”
“पेपर लीक”
Neeraj kumar Soni
कुंडलिया. . . .
कुंडलिया. . . .
sushil sarna
हमारी चाहत तो चाँद पे जाने की थी!!
हमारी चाहत तो चाँद पे जाने की थी!!
SUNIL kumar
सच को तमीज नहीं है बात करने की और
सच को तमीज नहीं है बात करने की और
Ranjeet kumar patre
अपमान
अपमान
Shutisha Rajput
कुछ पाने की चाह
कुछ पाने की चाह
Kaviraag
इश्क की गहराई
इश्क की गहराई
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
तुम लाख कोशिश कर मेरे ख्यालों में न आने की
तुम लाख कोशिश कर मेरे ख्यालों में न आने की
Anil Mishra Prahari
बड़े पद का घमंड इतना ना करो,
बड़े पद का घमंड इतना ना करो,
Ajit Kumar "Karn"
Loading...