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3 Jan 2021 · 1 min read

जीजा समाज का पहला आतंकी

जीजा समाज का पहला आतंकी
सास ससुर को देता चुनोती
समझे सब अपनी बापौती
ससुराल में आता जैसे सामंती ।

बात बात पर गाली देता
साला-साली को गुलाम समझता
साले रिस्ते को बना दीया गाली
पैर के जुते के नीचे रखता ।

अवैध अधिकारों का स्वामी
ससुराल में करता अपनी मनमानी
पितृसत्ता की बड़ी निसानी
ससुराल में धमकाता जैसे तालिबानी ।

आँख लाल कर तैवर देता
मायके बालों को गाली देता
पैठ पलंग पर हुकुम मारता
जैसे हो तारकासुर अभिमानी ।

मांग ना हो पूरी तो
बेटी-बहन को छोड़ने की
देता धमकी ।

ससुराल को जीजा समझे
अली बाबा की तिजोरी
सीना तान करता फ़िरौती
जीजा समाज का पहला आतंकी ।

चौड़ा करता ऐसे सीना
ऐंठ मारता जैसे चीता
साला साला गाली देता
ससुराल में बैठा मुँह फुलाता ।

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