Sahityapedia
Sign in
Home
Your Posts
QuoteWriter
Account
2 Jan 2021 · 1 min read

दिल से दिल की बात कर लो

हमें अब कुछ नहीं कहना,
बस इतना समझ लो तुम ।
तुमसे बेपनाह मोहब्बत है मुझे ,
बस इतना सा भरोसा कर लो ।।

दिमाग़ की बातें न सुनो,
सदा अपने दिल की करो तुम ।
तुम्हें भी है अगर इश्क मुझसे,
तो आज इज़हार कर लो ।।

शहर के सारे जो भी है,
आशिक दिवाने तेरे ।
तुम उन सबको चौंका दो,
और मुझपे एतबार कर लो ।।

बस इस प्रेम के पागलपन में,
मैं कुछ गलत न कर बैठूँ ।
तुमसे इल्तिजा है मेरी जान,
मुझसे थोड़ा सा प्यार कर लो ।।

भिगी भिगी सी तुम हो,
भिगे भिगे से हम भी हैं ।
सर्द मौसम है यहाँ,इसलिए तुम,
मुझे अपनी, बाँहों में कैद कर लो ।।

किस सोच में रहती हो,
तुम हर वक्त खोई हुई ।
अपने दिल पे हाथ रखो तुम,
और अपने दिल से दिल की बात कर लो ।।

तुम किसी से भी बात करो,
हमें बुरा नहीं लगता ।
बस हमें नज़रअंदाज़ न करो,
चाहे मेरा कत्ल कर लो ।।

बस केवल इस प्रेमी को,
अंधकार में न रखना की ।
प्यार मुझसे करो,
और शादी किसी और से कर लो ।।

कवि – मनमोहन कृष्ण
तारीख – 25/12/2020
समय – 10 : 31 (रात्रि)
मोबाईल – 9065388391

Loading...