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30 Dec 2020 · 1 min read

नव वर्ष

नव वर्ष

नव वर्ष की करें अगुवाई
नव मंगल गान चौक पुराई
नव कलश नव तोरण मार
नव वधू सा स्वागत शहनाई

नव आगंतुक उल्लसित आह्वान
नव प्रभात नभ इंद्रधनुष वितान
नव दृष्टि नव सृष्टि होगी सृजन
नव संवेदना सद्भावना का ज्ञान

नव मृणाल सा सबल प्रबल
नव वर्ष ज्यूँ कीचड़ में कमल
नव सुख नव समृद्धि प्रस्फुटित
नव उजास मिटे तिमिर सकल

नव उर उमंग सस्मित जीवन
नव तरंग विस्मृत अश्रु कण
नव विचार नव संचार प्रसार
नव स्वर नारी सम्मान का प्रण

नव प्रेरणा प्रगति प्रति पल
नव प्रवाह सौहार्द कल कल
नव युग नव चेतना का ओज
नव लक्ष्य संरक्षण धरा जल

नव संकल्प अभियान स्वच्छता
नव पथ शांति अहिंसा नैतिकता
नव परिवर्तन नव पर्यावरण सुरक्षा
नव इतिहास रचे मानव एकता

रेखा
कोलकाता

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