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29 Dec 2020 · 1 min read

【31】*!* तूफानों से क्या ड़रना? *!*

तूफानों से घबराकर कभी, राहें ना बदलेंगे हम
तूफानों से घबराए तो, जीवन में भर जाये गम
(1) मंजिल बहुत दूर है हमको, तेज कदम ही चलना है
जैसे सूरज जलता है, हमको भी वैसे जलना है
अचल अड़ोल इरादे हम, हमको अभी संभलना है
मील का पत्थर सा राही बन, हम वो दिखलायेंगे दम
तूफानों से घबराकर………..
(2) ताकतवर चीता भी खौफ, बना लेता है जंगल में
दमखम दिखता पहलवान का, कुश्ती वाले दंगल में
जग के सब शुभ कार्य किए, जाते हैं अक्सर मंगल में
काम करो जग में अव्वल तुम, सबके मिट जाएंगे भ्रम
तूफानों से घबराकर………..
खैमसिंह सैनी
M.A, B.Ed from University of Rajasthan
Mob. – 9266034599

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