कलम चलाओ- क्लेश मिटाओ !!!
कलम चलाओ, क्लेश मिटाओ,
कलमकारों कुछ ऐसा गाओ।
पुकार रहा समाज फिर तुमको,
सामाजिक समृद्धि लाओ।
आओ आओ मानवता का पाठ पढ़ाओ।।
कलम नहीं कमजोर है होती, कई क्रांतियां लाई है।
युग परिवर्तन की दिशा में जब तब ,किसी ने कलम चलाई है।
आज जरूरत फिर से तुम्हारी,घड़ी विकट जो आई हैं।
सभ्यता पश्चिमी जो ललकार रही,संस्कृति अपनी बचाओ।
कलम चलाओ क्लेश मिटाओ।
जहां जहां रिक्तता पाओ, पूर्ति शब्दों से करते जाओ।
गजल कहानी गीत कविता, तुम ऐसी गड़ते ही जाओ।
प्रभाव अनुनय सभी पे छोड़े,लेखन ,सृजन यही अपनाओ।।
कलम चलाओ ,क्लेश मिटाओ।।
राजेश व्यास अनुनय