Sahityapedia
Sign in
Home
Your Posts
QuoteWriter
Account
14 Nov 2020 · 1 min read

खुशियों के दीप जलाना हैं! शुभ दीपावली

दीपों के महापर्व, दीपोत्सव , दीपावली की हृदय की गहराइयों से आत्मीय बधाई और अनंत मंगलकामनाएँ।

है दीपोत्सव दीपावली ,
खुशियों के दीप जलाना हैं।
मन के अंदर जो बसा हुआ,
सारा तम हमको मिटाना हैं।

चौदह वर्ष ,वनवास से आये प्रभु
श्री राम का स्वागत करना है।
प्रभु को अंतस में बसाकर के,
खुशियों के दीप जलाना हैं।

दिल से सारे वैर भुला कर के,
इक-दूजे को गले लगाना है।
सब शिकवे दूर भगाना है,
खुशियों के दीप जलाना हैं।

छोड़-छाड़ कर द्वेष-भाव ,
मीत प्रीत की रीत निभाना है।
दिवाली के शुभ अवसर पर,
खुशियों के दीप जलाना हैं।

सीमित बम,पटाखे चलाकर के,
प्रकृति, पर्यावरण बचाना है।
रोशनी घर घर फैलाकर के ,
खुशियों के दीप जलाना हैं।

बाहर का अंधियार मिटा,
अंतस का दीप जगाना हैं।
सद्ज्ञान राह फैलाकर के,
सारा मानस चमकाना हैं।

हे विष्णुप्रिया , हे माँ लक्ष्मी ,
‘दीप’ की करवद्ध प्रार्थना है।
सकल विश्व में भारत का,
अखण्ड ‘दीप’ जलाना है।

खुशियों के दीप जलाना हैं।
खुशियों के दीप जलाना हैं।

-जारी
-©कुल’दीप’ मिश्रा

©सर्वाधिकार सुरक्षित

Loading...