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13 Nov 2020 · 1 min read

घर में है एक नटखट बच्चा

घर में है एक नटखट बच्चा, सब को बांधे रखता है
जमा नहीं घर रहने देता, उलट-पुलट ते रहता है
नन्हे नन्हे हाथों से, सामान तोड़ते रहता है
मीठी मीठी वाणी में, मैंने नहीं तोड़ा कहता है
मासूमियत से जिद करता है, बात वह मनवा लेता है
पल में हंसकर पल में रो कर, काम वह करवा लेता है
दादा दादी मम्मी पापा खुश है, खुश हैं नाना नानी
मामा जी का दोस्त है पक्का, करता है शैतानी
एक अथर्व नाम का बच्चा, सिर पर घर रख लेता है
प्यारी प्यारी बातों से, सबका मन हर लेता है
बुआ फूफा ताऊ ताया भैया को हर्षाता है
श्रेया दीदी को खेल खेल कर दिनभर बहुत थकाता है

सुरेश कुमार चतुर्वेदी

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