Sahityapedia
Sign in
Home
Your Posts
QuoteWriter
Account
4 Nov 2020 · 1 min read

नोक झोंक

करवा चौथ
***********
दाम्पतय जीवन में भी
बड़ी विडम्बनाएं हैं,
पति पत्नी की भी
क्या गजब कल्पनाएं है।
पत्नी की बेबसी देखिए
दिन भर में एक बार जरूर
सुना ही देती है कि
तुम्हें पाकर तो मेरे भाग्य फूट गये,
पति भी कहाँ चूकता है
पलटकर जबाब दे ही देता है
तो मैं ही कहाँ निहाल हो गया।
बिना नोकझोंक के
दाम्पत्य की गाड़ी कहाँ बढ़ती है,
प्यार भी इसी नोकझोंक में पनपती है।
तीज त्योहार में सारे गिले शिकवे
थोड़ी दूर हो जाते हैं,
अगले दिन फिर पति पत्नी के बीच
हक से अपना हक जताते हैं।
आज करवा चौथ है
आज तो हर पति पत्नी
आपस में आदर्श होते हैं,
रिश्तों को पूरा महत्व देते हैं।
आज तो रिश्तों को
बड़ा मान मिल रहा है
प्यार मोहब्बत और समर्पण का
दौर चल रहा है।
नोक झोंक लड़ाई झगड़े का भी
अजब खेल है,
रिश्तों में गर्माहट के लिए
इनका अहम रोल है।
✍सुधीर श्रीवास्तव

Loading...