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2 Nov 2020 · 1 min read

वर्ण पिरामिड

वर्ड पिरामिड

हे!
मातु!
शारदे
तम दूर
मेरे कर दे
न हो कभी अहं
मातु कृपा कर दे

मैं
हूँ माँ
अज्ञानी
कर जोड़
करूँ विनती
हे हँसासिनी माँ
ज्ञान सार भर दे

स्वरचित:-
अभिनव मिश्र”अदम्य
शाहजहांपुर,उत्तरप्रदेश

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