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24 Oct 2020 · 1 min read

कुछ कर निकलना है।

बदला वही,
जिसमें सोच लिया
कि मुझे बदलना है।
भीड़ के बीच में से
कुछ कर निकलना है।
बहाने बनाए जा सकते हैं
पीछे मुड़ने के लिए,
संकल्प एक ही काफी है
लक्ष्य से जुड़ने के लिए।
हालात होते हैं कई बार
बद से बदतर,
सवाल तुमसे है तो
तुम्हें ही देना होगा उत्तर।
लोग आएंगे, लोग जाएंगे
अच्छी-बुरी सुनाएंगे।
तुम खड़े रहना, डटे रहना,
क्योंकि लोगों का काम है कहना।

©®
✍️ विजय महाजन प्रेमी

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