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21 Oct 2020 · 1 min read

विनोद सिल्ला की कुंडलियां

नेता चुग ले वोट

जनता चाहे अमन को, नेता चाहे राड़|
कैसी विडंबना हुई, खेत खा रही बाड़||
खेत खा रही बाड़, चौकन्ना रहना भाई|
लुट ना जाए माल, रखा करो चौकसाई||
कह सिल्ला कविराय, बाद में कुछ ना बनता|
नेता चुग ले वोट, फेर पछताए जनता||

-विनोद सिल्ला©

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