रक्तदान
मित्रों सादर समर्पित है मुक्तक।
चढ़ा वो खून है पानी अगर इसमें सियासत है ।
बहा दो खून नाली में अगर इसमें शिकायत है।
क्यों जीता शान से डोनर जो करता है नशाखोरी।
करेगा राज का इकरार गर उसमें मोहब्बत है।
डा.प्रवीण कुमार श्रीवास्तव,” प्रेम”
मित्रों सादर समर्पित है मुक्तक।
चढ़ा वो खून है पानी अगर इसमें सियासत है ।
बहा दो खून नाली में अगर इसमें शिकायत है।
क्यों जीता शान से डोनर जो करता है नशाखोरी।
करेगा राज का इकरार गर उसमें मोहब्बत है।
डा.प्रवीण कुमार श्रीवास्तव,” प्रेम”