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7 Oct 2020 · 1 min read

परिवार

परिवार
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जहाँ सपनों का संसार हो
माँ बाप का दुलार हो,
दादी बाबा का अनुपम
प्यार संस्कार हो,
भाई बहनों का हुड़दंगी
उल्लास हो।
सबके हित का भाव हो
मिलकर सुख दु:ख बाँटे जाते हों,
जहाँ रोटियां भी
मिल बाँटकर खाई जाती हों,
जहाँ सपने सजते हों
उल्लास के फूल खिलते हों,
सामंजस्य जहाँ बसते हों
प्रेम की रसधार बहती हो
वही परिवार है,
ईश्वर का अनमोल उपहार है।
★सुधीर श्रीवास्तव

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