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7 Oct 2020 · 1 min read

चराग़

दिलों में प्यार सभी के जगा रहे हैं चराग़
सुकून दिल को मिलेगा बता रहे हैं चराग़

कभी हंसे हैं कभी मुस्कुरा रहे हैं चराग़
हवा के साथ हमेशा निभा रहे हैं चराग़

कमाल इनका इरादा कमाल की नेकी
जो तीरगी में भी रस्ता दिखा रहे हैं चराग़

ग़रीब लोग हों, धनवान, फ़र्क़ कुछ न करें
जो दूरियां हैं दिलों की मिटा रहे हैं चराग़

क़दम उठा के चलो साथ में खड़ा मैं हूँ
ये हौसला तो सभी का बढ़ा रहे हैं चराग़

अगर हो आप अड़िग जीत फिर यक़ीनन है
कभी न हार को मानो सिखा रहे हैं चराग़

मिली ख़ुशी है बहुत झोंपड़ी में जलकर के
किया है काम बड़ा ये जता रहे हैं चराग़

चराग़ बन के भी ‘आनन्द’ बाऋट दो ख़ुशियाँ
यही पयामे-मुहब्बत सुना रहे हैं चराग़

– डॉ आनन्द किशोर

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