Sahityapedia
Sign in
Home
Your Posts
QuoteWriter
Account
1 Oct 2020 · 1 min read

विनोद सिल्ला की कुंडलियां

भेदभाव सिर चढ़ गया, समानता है क्षीण|
कामयाब बस है वही, जो कपट में प्रवीण||
जो कपट में प्रवीण, उसकी दासी है सत्ता|
सकल सुख सत्ता संग, सत्ता समक्ष सब धत्ता||
कह सिल्ला कविराय, सबसे रखिए समभाव|
मानवता के लिए नहीं, है उचित भेदभाव||

-विनोद सिल्ला©

Loading...