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27 Sep 2020 · 1 min read

वैरी चाँद

समझा था मैंने जिसे एक
छोटा सा दिल का टुकड़ा
था वो मेरे दिल कि जान।
क्या कहूं,था मैं जिसके पीछे
भाग रहा बनकर दीवाना
वह निकला कैसा वैरी चाँद।

संजय कुमार✍️✍️

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