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25 Sep 2020 · 1 min read

【■ हालात ज़िन्दगी के ■】

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हालात इस क़दर बिगड़े हैं ज़िंदगी के
पत्थर से ज्यादा टुकड़े है ज़िन्दगी के।
सँभालना चाहा जिन्हें हर हाल में भी,
ख़ुशी केवही पल बिछड़े हैंज़िन्दगी के।
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By V.k.Viraz
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