Sahityapedia
Sign in
Home
Your Posts
QuoteWriter
Account
24 Sep 2020 · 1 min read

मुस्कान

मुस्कान
***********
मुस्कराइये
कि आप बड़े शर्मसार हैं,
आदत से लाचार हैं,
या फिर आपकी मुस्कराहट पर
कर्फ्यू लगा है,
या फिर मुस्कराने से परहेज़ है,
कुछ भी हो
मगर आप नियम के पक्के हैं
बिल्कुल भी नहीं कच्चे हैं,
या फिर कोई बीमारी है,
जो कि आपकी मुस्कान पर भारी है।
लगता है कि आपको जन्मजात
न मुस्कराने की बीमारी है,
जो आपको पड़ रही भारी है।
अब रहने भी दें
मुस्कराने की बात छोड़ ही दें,
हमारी जमात से बाहर ही रहें,
हम तो बेशर्मों की तरह
बात बात पर मुस्कराते हैं,
मन ही मन मुस्कराते हैं।
हमारी तरह थोड़ी हैं
जो सबको दिखाते हैं,
हम तो गधे हैं
जो मुस्कराते रहते हैं,
आपके लिए तो
मुस्कराना मना है,
आखिर मुस्कराना
जरूरी थोड़े ही है।
क्योंकि मुस्कराने से
कोई ईनाम तो मिलेगा नहीं,
न ही आपकी मुस्कान
किसी का उधार ही है।
फिर भी हम तो मुस्करायेंगे
आपके राजदार तो हैं नहीं
जो आपकी तरह
होंठ दबा के मुस्करायेंगे।
★सुधीर श्रीवास्तव

Loading...