Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
24 Sep 2020 · 1 min read

समझदारी!

समझदार होने में खोया ,
मैंने अपना प्यारा बचपन
समझदार जो समझा खुद को ,
खो दिया अपना भावुक मन
जिम्मेदारियों की चादर ओढ़ी
बड़ा कर लिया अपना मन
सब का ख्याल रखने की खातिर
सूना हो गया अंतर्मन
क्या वह करता
बड़ा जो था वह घर का
साया सर से उठते ही
जिम्मेदारियों का हो गया उद्यापन
इन्ही जिम्मेदारियों के कारण
दीप कि लौ का तेज हुआ मन
प्रज्ज्वलन की सीमा से गुजार कर
प्रकृति दीप को करना चाहती है शायद रोशन
जलता ‘दीप’ इसी आस में
होगा जरूर जहाँ एक दिन उससे रोशन

जारी
-©कुल’दीप’ मिश्रा

Language: Hindi
5 Likes · 473 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

सब अच्छा होगा
सब अच्छा होगा
पूर्वार्थ
जीवन को पैगाम समझना पड़ता है
जीवन को पैगाम समझना पड़ता है
दीपक बवेजा सरल
ସକାଳ ଚା'
ସକାଳ ଚା'
Otteri Selvakumar
मुक्तक
मुक्तक
अवध किशोर 'अवधू'
దేవత స్వరూపం గో మాత
దేవత స్వరూపం గో మాత
डॉ गुंडाल विजय कुमार 'विजय'
ज़िम्मेदार कौन है??
ज़िम्मेदार कौन है??
सोनम पुनीत दुबे "सौम्या"
- तेरा ख्याल -
- तेरा ख्याल -
bharat gehlot
सम्मान सी दुनिया में कोई चीज नहीं है,
सम्मान सी दुनिया में कोई चीज नहीं है,
Anamika Tiwari 'annpurna '
सालासर बालाजी भजन रचनाकार अरविंद भारद्वाज
सालासर बालाजी भजन रचनाकार अरविंद भारद्वाज
अरविंद भारद्वाज ARVIND BHARDWAJ
वो कविताचोर है
वो कविताचोर है
नंदलाल सिंह 'कांतिपति'
उस दिन
उस दिन
Shweta Soni
खुला खत नारियों के नाम
खुला खत नारियों के नाम
Dr. Kishan tandon kranti
जो सारे दुखों को हर लें भी भगवान महादेव हर है ।
जो सारे दुखों को हर लें भी भगवान महादेव हर है ।
Rj Anand Prajapati
मुझे इस बात पर कोई शर्म नहीं कि मेरे पास कोई सम्मान नहीं।
मुझे इस बात पर कोई शर्म नहीं कि मेरे पास कोई सम्मान नहीं।
*प्रणय प्रभात*
4107.💐 *पूर्णिका* 💐
4107.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
फिसला जाता रेत सा,
फिसला जाता रेत सा,
sushil sarna
*संगीतमय रामकथा: आचार्य श्री राजेंद्र मिश्र, चित्रकूट वालों
*संगीतमय रामकथा: आचार्य श्री राजेंद्र मिश्र, चित्रकूट वालों
Ravi Prakash
जुदाई का प्रयोजन बस बिछड़ना ही नहीं होता,
जुदाई का प्रयोजन बस बिछड़ना ही नहीं होता,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
पहले जो मेरा यार था वो अब नहीं रहा।
पहले जो मेरा यार था वो अब नहीं रहा।
सत्य कुमार प्रेमी
राम एक पर कथा अनेक(पद)
राम एक पर कथा अनेक(पद)
Dr Archana Gupta
कुछ कुंडलियां
कुछ कुंडलियां
Sarla Sarla Singh "Snigdha "
आया हूँ
आया हूँ
सिद्धार्थ गोरखपुरी
कह ही दूं अलविदा!!
कह ही दूं अलविदा!!
Seema gupta,Alwar
कविता- जनजातीय विद्रोह
कविता- जनजातीय विद्रोह
आर.एस. 'प्रीतम'
सच बोलूंगा तो रिश्ते बिखर जाएंगे,
सच बोलूंगा तो रिश्ते बिखर जाएंगे,
Vindhya Prakash Mishra
जीवन है अनमोल
जीवन है अनमोल
महेश चन्द्र त्रिपाठी
वो ही
वो ही
Ruchi Sharma
शीर्षक बेटी
शीर्षक बेटी
Neeraj Kumar Agarwal
*चिट्ठी*
*चिट्ठी*
Meera Thakur
वो जो
वो जो
हिमांशु Kulshrestha
Loading...