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21 Sep 2020 · 1 min read

हाइकु

हाइकु 14
********
विदा बेटी को
करते भरे मन,
फिर भी खुश।
————–
अनमोल है
विदाई जब होती,
नयन भीगे।
—————-
बहते आँसू
रोके नहीं रुकते,
विवश सब।
—————-
भर्राये स्वर
बोल नहीं निकले,
आशीष तो दो।
—————-
जुग जुग जी
ससुराल में लाडो,
भूल ही जाना।
—————-
विदाई बेला
सब भावुक होते,
कंठ भी रूँधे।
——————
■सुधीर श्रीवास्तव

Language: Hindi
1 Like · 2 Comments · 257 Views

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