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16 Sep 2020 · 1 min read

मुक्तक

कभी तू _पास ले आती _कभी दुत्कार देती है,
कभी कातिल अदाओं से सनम तू मार देती है
तू ही तो _जान तू _जन्नत तू ही _आरजू मेरी
कभी हदसे भी ज्यादा तू सनम यूं प्यार देती है

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