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13 Sep 2020 · 1 min read

पाँच साल की संविदा

पाँच साल की संविदा, पर है मचा बवाल।
पुछो उन शिक्षामित्रों से, क्या है उनका हाल।।

बीस साल के बाद भी, पा न सके अधिकार।
ले ली उनकी नौकरी, मक्कारी सरकार।।

ऐसा ही होगा यहाँ, अब जनता के साथ।
साठ साल के पार जो, सत्ता उनके हाथ।।

पाँच साल का राज है, और बनें भगवान।
रावण का भी टूट गया, कुछ दिन में अभिमान।।

है किसकी औकात जो, करे युवा पर वार।
पा न सकेंगे सैकड़ा, हम भी हैं तैयार।।
जटाशंकर”जटा”
१३-०९-२०२०

Language: Hindi
478 Views
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