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12 Sep 2020 · 1 min read

कीमत चुकानी पड़ेगी

कीमत चुकानी पड़ेगी

बोलोगे तो
कीमत चुकानी पड़ेगी
चुप रहोगे तो कीमत
आने वाली
पीढ़ियों को भी
चुकानी पड़ेगी
बोलिए
आवाज बुलंद कीजिए
अभी चुका दीजिए
कीमत
उधार ठीक नहीं
वरना
छिकु-छिकु छियानवे होंगे
दो ब्याज के
दो लिहाज के
पूरे सौ
हो जाएंगे

-विनोद सिल्ला©

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