समानता
समानता
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गुरू और शिक्षक
दोनों में एक सी समानता
एक सा अहसास है,
दोनों हमें मार्ग दिखाते हैं
शिक्षक सांसारिक जीवन का
ज्ञान कराता है,
ठोंक पीटकर राह दिखाता है।
संसार की भीड़ में
जीवन के मार्ग समझाता है,
व्यवहारिकता का बोध
कराने का अथक प्रयास करता है।
वहीं गुरू
हमें सांसारिकता के बीच
धर्म पथ दिखलाता है,
सद्गुणों का विकास करता
इस अक्षुण्य जीवन को मोक्ष का
मार्ग दिखलाता है।
गुरू और शिक्षक की
हमारे जीवन में
अपनी अपनी महत्ता है,
दोनों ही मार्ग दर्शक हैं
दोनों के बिना जीवन में
कुछ न कुछ खाली रह जाता है,
दोनों का ही हमारे जीवन से
गहरा नाता है।
?सुधीर श्रीवास्तव