Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
6 Sep 2020 · 1 min read

आज़ाद गज़ल

गड़े हुए मुर्दे,यारों उखाड़ रहा हूँ
पढ़ कर पुराने खत फाड़ रहा हूँ ।
कहीं कोई कमी न रहे भुलाने में
यादों के चमन को उजाड़ रहा हूँ।
हूँ तो मैं खफ़ा खुद से ही मगर
बेबज़ह बच्चों पे दहाड़ रहा हूँ।
सादगी ने मेरा किया सत्यानाश
निकलेगा चुहा,खोद पहाड़ रहा हूँ ।
किसी काम आया न जब अजय
बिक गया जैसे, मैं कबाड़ रहा हूँ
-अजय प्रसाद

3 Likes · 248 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

दहकता सूरज
दहकता सूरज
Shweta Soni
कवि और केंकड़ा
कवि और केंकड़ा
guru saxena
हे श्यामा कुंज बिहारी
हे श्यामा कुंज बिहारी
Dr.Pratibha Prakash
3931.💐 *पूर्णिका* 💐
3931.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
दोहा पंचक. . . नैन
दोहा पंचक. . . नैन
Sushil Sarna
दिल नहीं ऐतबार
दिल नहीं ऐतबार
Dr fauzia Naseem shad
..
..
*प्रणय प्रभात*
अवध में राम आये हैं
अवध में राम आये हैं
Sudhir srivastava
गुड़िया हमारी(बेटी के जन्मदिन पर)
गुड़िया हमारी(बेटी के जन्मदिन पर)
gurudeenverma198
Luk88 là nhà cái cá cược chuyên nghiệp, cung cấp trải nghiệm
Luk88 là nhà cái cá cược chuyên nghiệp, cung cấp trải nghiệm
LUK88
कभी थकता कभी चलता राही
कभी थकता कभी चलता राही
Madhu Gupta "अपराजिता"
अन्याय करने से ज्यादा अन्याय सहना बुरा है
अन्याय करने से ज्यादा अन्याय सहना बुरा है
सोनम पुनीत दुबे "सौम्या"
"वाह री दुनिया"
Dr. Kishan tandon kranti
मेरे पिंजरे का तोता
मेरे पिंजरे का तोता
Laxmi Narayan Gupta
परमपूज्य स्वामी रामभद्राचार्य जी महाराज
परमपूज्य स्वामी रामभद्राचार्य जी महाराज
मनोज कर्ण
मोहब्बत
मोहब्बत
अखिलेश 'अखिल'
राजनीतिक योग
राजनीतिक योग
Suryakant Dwivedi
काना फूसी
काना फूसी
Gajanand Digoniya jigyasu
लोग भय से मुक्त हों  ज्ञान गंगा युक्त हों अग्रसर होतें रहें
लोग भय से मुक्त हों ज्ञान गंगा युक्त हों अग्रसर होतें रहें
DrLakshman Jha Parimal
8. टूटा आईना
8. टूटा आईना
Rajeev Dutta
"आंसूओं की बरसात को मैं
पूर्वार्थ
**तुझे ख़ुशी..मुझे गम **
**तुझे ख़ुशी..मुझे गम **
गायक - लेखक अजीत कुमार तलवार
*परसों बचपन कल यौवन था, आज बुढ़ापा छाया (हिंदी गजल)*
*परसों बचपन कल यौवन था, आज बुढ़ापा छाया (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
पुष्प की व्यथा
पुष्प की व्यथा
Shyam Sundar Subramanian
बुद्धं शरणं गच्छाम:
बुद्धं शरणं गच्छाम:
Ram kishor Pathak
बल दोहा
बल दोहा
seema sharma
दुरीयों के बावजूद...
दुरीयों के बावजूद...
सुरेश ठकरेले "हीरा तनुज"
गम की मुहर
गम की मुहर
हरवंश हृदय
कोई जब पथ भूल जाएं
कोई जब पथ भूल जाएं
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
आजा आजा रे कारी बदरिया
आजा आजा रे कारी बदरिया
Indu Singh
Loading...