Sahityapedia
Sign in
Home
Your Posts
QuoteWriter
Account
5 Sep 2020 · 1 min read

" शिक्षक "

शिक्षक दिवस पर मेरे सभी आदरणीय शिक्षकों के लिए…???

” शिक्षक ”

उम्र की हर दहलीज पर
ना जाने कितने
शिक्षक मिले
कुछ कड़क
कुछ नरम
कुछ को मैं पसंद
कुछ मुझे
कुछ रूष्ठ हुये
कुछ खुश
कुछ ने नंबर काटे
कुछ ने ज्यादा दिये
कुछ ने भृकुटी तानी
कुछ जी भर मुस्काये
कुछ ने टाँगें खिंंची
कुछ ने सर सहलाया
कुछ ने डॉट लगाई
कुछ ने पीठ थपथपाया
कुछ ने रूलाया
कुछ ने ढांढस बंधाया
कुछ ने नीचे गिराया
कुछ ने सर चढ़ाया
कुछ ने उन्नति पर गर्व किया
कुछ ने कड़वा मुँह बनाया
हर विद्या के आलय में
शिक्षक मिले तरह – तरह के
भूल कैसे सकती हूँ
याद हैं एक – एक मुझे
उनकी यादें कड़वी – खट्टी – मीठी
जीवन का असली सबक सिखाती
अच्छा याद रखो बुरा भूलो
जीवन के पथ पर आगे बढ़ो
ऐसे शिक्षक गर हमें ना मिलते
हम सब जीवन के अनुभव
किससे और कैसे सीखते
किससे और कैसे सीखते ।

स्वरचित एवं मौलिक
( ममता सिंह देवा , 05/09/2020 )

Loading...