Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
30 Aug 2020 · 1 min read

जय माँ सरस्वती

शरण में हम तुम्हारे हैं, दया का दान माँ दे दो।
करें सेवा तुम्हारी ही, यही वरदान माँ दे दो।
भटकते हैं जहाँ में हम,मिटा दो मैल उर का सब-
बजाकर ज्ञान की वीणा, जरा सा ज्ञान माँ दे दो।

Language: Hindi
2 Likes · 4 Comments · 355 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

खुद के ताबूत से हीं, खुद को गवां कर गए।
खुद के ताबूत से हीं, खुद को गवां कर गए।
Manisha Manjari
बात
बात
सिद्धार्थ गोरखपुरी
श्री राम वंदना
श्री राम वंदना
Neeraj Mishra " नीर "
नेताओं ने छेड़ दिया है,बही पुराना राग
नेताओं ने छेड़ दिया है,बही पुराना राग
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
शिक्षक सही गलत का अर्थ समझाते हैं
शिक्षक सही गलत का अर्थ समझाते हैं
सोनम पुनीत दुबे "सौम्या"
*जीतेंगे इस बार चार सौ पार हमारे मोदी जी (हिंदी गजल)*
*जीतेंगे इस बार चार सौ पार हमारे मोदी जी (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
अब वक्त भी बदलने लगा है
अब वक्त भी बदलने लगा है
पूर्वार्थ देव
महिलाएं जितना तेजी से रो सकती है उतना ही तेजी से अपने भावनाओ
महिलाएं जितना तेजी से रो सकती है उतना ही तेजी से अपने भावनाओ
Rj Anand Prajapati
आगाज़
आगाज़
Vivek saswat Shukla
क्यों कलियों में है बेचैनी ,
क्यों कलियों में है बेचैनी ,
Dr. Sunita Singh
కృష్ణా కృష్ణా నీవే సర్వము
కృష్ణా కృష్ణా నీవే సర్వము
डॉ गुंडाल विजय कुमार 'विजय'
सुंदर है चांद मेरा, छत मेरी अटरिया है,
सुंदर है चांद मेरा, छत मेरी अटरिया है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
बाबर के वंशज
बाबर के वंशज
हिमांशु बडोनी (दयानिधि)
रोटी की अहमियत
रोटी की अहमियत
Sudhir srivastava
तस्वीर
तस्वीर
ओनिका सेतिया 'अनु '
ସେହି ଲୋକମାନେ
ସେହି ଲୋକମାନେ
Otteri Selvakumar
जब समय फंदा कसेगा,भूमि में पहिया धँसेगा
जब समय फंदा कसेगा,भूमि में पहिया धँसेगा
पूर्वार्थ
इश्क की राहों में मिलते हैं,
इश्क की राहों में मिलते हैं,
हिमांशु Kulshrestha
ॐ
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
दिव्य भाव
दिव्य भाव
Rambali Mishra
कुछ जो बाकी है
कुछ जो बाकी है
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
मैं गुल गुलशन बहार ले आया हूँ
मैं गुल गुलशन बहार ले आया हूँ
VINOD CHAUHAN
"परिस्थिति का चक्रव्यूह बनाम आलोक"
आलोक पांडेय
मैं तो देखता हूँ तुझमें
मैं तो देखता हूँ तुझमें
gurudeenverma198
स्तुति गान
स्तुति गान
Santosh kumar Miri "kaviraj"
"हकीकत"
Dr. Kishan tandon kranti
इंसानियत
इंसानियत
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
बाप की गरीब हर लड़की झेल लेती है लेकिन
बाप की गरीब हर लड़की झेल लेती है लेकिन
शेखर सिंह
एहसास
एहसास
seema sharma
*बच्चों को समझो*
*बच्चों को समझो*
Dushyant Kumar
Loading...