Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
24 Aug 2020 · 1 min read

” कैसा विकराल ये कोरोना काल “

क्या कहें कैसे कहें
कोरोना के किस्से कितने कहें ,
ऐसा संक्रमण फैला पूरी दुनिया में
दुबक बैठे सब अपने कोना कुनिया में ,
कोई ज्यादा सचेत तो कोई बेपरवाह
जिसने पालन किया नियम उसकी वाह वाह ,
कितनों का अपनों ने साथ छोड़ दिया
इस काल ने विधि का नियम तोड़ दिया ,
ढ़ेर लग रहे लाशों के इस कदर
जैसे मची है हर तरफ कोई गदर ,
हर एक – एक बंदा इससे बेज़ार हुआ
जहाँ चूक हुई वहीं इसका शिकार हुआ ,
तीसरा विश्व युद्ध इस रूप में आ गया अभी
संक्रमण के विरूद्ध लड़ तो रहे हैं सभी ,
इक्कीसवीं सदी में सब कुछ अनोखा है
युद्ध लड़ने – देखने का माध्यम झरोखा है ,
कोरोना काल बन गया है विकराल
फिर ना सुनने मिले किसी का बुरा हाल ,
अब इसी को जीवन मान कर चलना है
हमें इस कोरोना से खुद ही लड़ना है ।

स्वरचित एवं मौलिक
( ममता सिंह देवा , 23/08/2020 )

Language: Hindi
3 Likes · 2 Comments · 295 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Mamta Singh Devaa
View all

You may also like these posts

8kbetkm.com đại lý ủy quyền năm 2025 của nhà cái 8kbet, chuy
8kbetkm.com đại lý ủy quyền năm 2025 của nhà cái 8kbet, chuy
8kbetkmcom
सच्चे कवि और लेखक का चरित्र।
सच्चे कवि और लेखक का चरित्र।
Priya princess panwar
प्रीतम दोहावली
प्रीतम दोहावली
आर.एस. 'प्रीतम'
🙅 *आप बताएं* 🙅
🙅 *आप बताएं* 🙅
*प्रणय प्रभात*
मोहब्बत में यूं सितम न ढाया करो।
मोहब्बत में यूं सितम न ढाया करो।
Rj Anand Prajapati
*सबसे अच्छी मॉं के हाथों, निर्मित रोटी-दाल है (हिंदी गजल)*
*सबसे अच्छी मॉं के हाथों, निर्मित रोटी-दाल है (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
"Maa-baap ki duaon se hi zindagi ka safar hai aasan,
Abu Jahangir official
"स्वस्थ हूं, इसलिए अपराधी हूं"
Dr Mukesh 'Aseemit'
जिसके हर खेल निराले हैं
जिसके हर खेल निराले हैं
Monika Arora
यह अपना धर्म हम, कभी नहीं भूलें
यह अपना धर्म हम, कभी नहीं भूलें
gurudeenverma198
#विदाई_____
#विदाई_____
sheema anmol
**  मुक्तक  **
** मुक्तक **
surenderpal vaidya
हंस दोहा गीत
हंस दोहा गीत
seema sharma
अँखियाँ प्यासी हरि दर्शन को अब काहे की देर।
अँखियाँ प्यासी हरि दर्शन को अब काहे की देर।
पंकज परिंदा
फलसफा जिंदगी का
फलसफा जिंदगी का
Sunil Maheshwari
दिनकर शांत हो
दिनकर शांत हो
भरत कुमार सोलंकी
बिन तेरे
बिन तेरे
हिमांशु Kulshrestha
खुदा सा लगता है।
खुदा सा लगता है।
Taj Mohammad
विभूता
विभूता
Shekhar Deshmukh
ममता
ममता
PRATIBHA ARYA (प्रतिभा आर्य )
मानवता
मानवता
Sarla Sarla Singh "Snigdha "
आसमान में गूँजता,
आसमान में गूँजता,
sushil sarna
"नमक का खारापन"
Dr. Kishan tandon kranti
हाय वो बचपन कहाँ खो गया
हाय वो बचपन कहाँ खो गया
VINOD CHAUHAN
ब्रह्मांड की आवाज
ब्रह्मांड की आवाज
Mandar Gangal
किसे फुरसत है
किसे फुरसत है
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
एहसास तो है खता का पर,
एहसास तो है खता का पर,
श्याम सांवरा
जब थे कम उसे समझदार नहीं होते थे
जब थे कम उसे समझदार नहीं होते थे
पूर्वार्थ देव
खेलों का महत्व
खेलों का महत्व
विजय कुमार अग्रवाल
आरोप प्रत्यारोप
आरोप प्रत्यारोप
Chitra Bisht
Loading...