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24 Aug 2020 · 1 min read

हुई महंगी मुबारकबाद

हुई महंगी मुबारकबाद

***

हुई महंगी बहुत ही मुबारकबाद,
के सोच समझ कर दिया करो,
देना हो जरूरी,तो रखना हिसाब,
हर घड़ी हर शख्स को न दिया करो..!!

कुछ पाने का दौर या कोई खुशी,
हौसला बढ़ाती है ये मुबारकबाद,
इसलिए ही ये मशवरा है जनाब,
के सूरत सीरत देख दिया करो,..!!

लायक को बधाई का देना क्या,
नालायक का इस से लेना क्या,
जला दिया करती है मुबारकबाद,
के कभी कभी तुम दिया करो..!!

मुबारकबाद में बहुत बड़ा नशा,
बातों में नशा, जज्बातों में नशा,
शराब से बढ़कर इसका शबाब,
के संभल संभल कर दिया करो..!!

हुई महंगी बहुत ही मुबारकबाद,
सोच समझ कर अब दिया करो,
देना हो जरूरी,तो रखना हिसाब,
हर घड़ी, हर शख्स, न दिया करो..!!

***

स्वरचित : डी के निवातिया

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