Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
20 Aug 2020 · 1 min read

*जीवन सार*

शैशव काल
अनजान अज्ञान
बाल्यकाल
शिक्षा में लगा ध्यान
किशोरावस्था
समझे अपनी शान
वयस्कता
ना रहे कोई भान
शनै शनै
उतरा तूफान
वृद्धावस्था
करती परेशान
मुट्ठी में आई अब जान
बेटा ना बेटी रखते मान
ऐसे में याद आया भगवान
सभी तो ऐसे हैं इंसान
बचपन में सब ने उठाया
बुढ़ापे में अपनों ने ठुकराया
इंसान समझ ना पाया
माया मोह में भरमाया
हाथ तनिक भी
कुछ ना आया
– राजेश व्यास “अनुनय”

Language: Hindi
2 Likes · 1 Comment · 589 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

* एक ओर अम्बेडकर की आवश्यकता *
* एक ओर अम्बेडकर की आवश्यकता *
भूरचन्द जयपाल
पुरानी किताब
पुरानी किताब
krupa Kadam
*एक बल्ब घर के बाहर भी, रोज जलाना अच्छा है (हिंदी गजल)*
*एक बल्ब घर के बाहर भी, रोज जलाना अच्छा है (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
स्त्री यानी
स्त्री यानी
पूर्वार्थ
विजय - पर्व संकल्प
विजय - पर्व संकल्प
Shyam Sundar Subramanian
The hardest lesson I’ve had to learn as an adult is the rele
The hardest lesson I’ve had to learn as an adult is the rele
पूर्वार्थ देव
20. I'm a gender too !
20. I'm a gender too !
Ahtesham Ahmad
मुक्तक
मुक्तक
डी. के. निवातिया
क्या कर लेगा कोई तुम्हारा....
क्या कर लेगा कोई तुम्हारा....
Suryakant Dwivedi
- तेरी तिरछी नजर -
- तेरी तिरछी नजर -
bharat gehlot
"खूबसूरती"
Dr. Kishan tandon kranti
सुनो जीजी
सुनो जीजी
MEENU SHARMA
सबको खुश रखना उतना आसां नहीं
सबको खुश रखना उतना आसां नहीं
Ajit Kumar "Karn"
अल्फाज़.......दिल के
अल्फाज़.......दिल के
Neeraj Kumar Agarwal
तन्हा जिंदगी अब जीया न जाती है
तन्हा जिंदगी अब जीया न जाती है
डॉ.एल. सी. जैदिया 'जैदि'
मात - पिता से सीख
मात - पिता से सीख
राधेश्याम "रागी"
You are beautiful.
You are beautiful.
Priya princess panwar
हमर मयारू गांव
हमर मयारू गांव
Dushyant Kumar Patel
उसके जाने से
उसके जाने से
Shikha Mishra
यूं नए रिश्तें भी बुरी तरह बोझ बन जाते हैं,
यूं नए रिश्तें भी बुरी तरह बोझ बन जाते हैं,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
sp32 दिल के घाव
sp32 दिल के घाव
Manoj Shrivastava
चाहतें
चाहतें
Akash Agam
किसी के मर जाने पर उतना नहीं रोया करता
किसी के मर जाने पर उतना नहीं रोया करता
शिव प्रताप लोधी
..
..
*प्रणय प्रभात*
*अनमोल वचन*
*अनमोल वचन*
नेताम आर सी
दोहा पंचक. . . . . नजर
दोहा पंचक. . . . . नजर
sushil sarna
वतन-ए-इश्क़
वतन-ए-इश्क़
Neelam Sharma
ताजमहल
ताजमहल
Satish Srijan
किसी भी कीमत पर तेरी होना चाहती हूं
किसी भी कीमत पर तेरी होना चाहती हूं
Jyoti Roshni
3157.*पूर्णिका*
3157.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
Loading...