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13 Aug 2020 · 1 min read

हम न थे वो, वो कोई और ही रहे होंगे

हम न थे वो, वो कोई और ही रहे होंगे
यार के दिल को जो यूॅं ही भा गए होंगे

उनके मुहब्बत के हसीन बुत खाने में
हम जैसे कई और दीवाने भी रहे होंगे

यूॅं तो बहुत चाहने वाले मिले होंगे उनको
क्या हम जैसी यारी किसी ने निभाए होंगे

क्या कभी मेरी नादानियों के जानिब
लबों पे यार के यूं ही हसीं आए होंगे

रात के दिलकश हथेली पे क्या उसने
मेरे नाम के मुश्क ए गुल खिलाए होंगे

उसकी यादों के गुलिस्तां में मेरी यादों ने
क्या कभी भी चहक कर शोर मचाए होंगे
~ सिद्धार्थ

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