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8 Aug 2020 · 1 min read

मुखबिरी

मेरी नहीं मुझको खबर
वो बेखबर रहने लगे ।
है नहीं मेरा ठिकाना
वो मुखबिरी करने लगे ।
बोलने का न शलीका
न शऊर लिखने का है ।
आज तो पता चला
वो शायरी कहने लगे।।
विन्ध्य प्रकाश मिश्र विप्र

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