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6 Aug 2020 · 1 min read

आज देखो दुनिया क्या से क्या हो गयी

हंसी ख़ुशी कहीं ,गम की वादियों में खो गयी
आज देखो दुनिया क्या से क्या हो गयी
दूसरों की सफलता पर ,जो बजती थी तालियाँ
वो तालियाँ अब कहीं चिरनिद्रा में सो गयी
दूसरों की ख़ुशी के लिए ,होती थी जो प्रार्थना
वो प्रार्थना कुरीतियों के छीर में कहीं खो गयी
छलकती थी आँखें जो औरों के दुःख पर
वो भावनाएं मद के दलदल में कहीं खो गयीं
आज देखो दुनिया क्या से क्या हो गयी
अमन चैन की दुनियां ,क्यूँ वीरान हो गयी
मिलते नहीं हैं दिल ,आज दूरियां हो गयी
हीर रांझा सी मोहब्बत ,अब दास्तां हो गयी
सच्ची मोहब्बत झूठे वादों में खो गयी
आज देखो दुनिया क्या से क्या हो गयी
दोस्ती वफ़ा की बहार न जाने कहाँ गयी
दूरियां इतनी दिलों के दरमियां हो गयी
आदमी पैसा नहीं ,पाप अर्जित कर रहा
उन्ही से लोगों की नजदीकियां हो गयीं
इंसानियत भाईचारा बीते युग की बातें हो गयीं
हर तरफ बस नफ़रत की बोलियां हो गयीं
कूदते फांदते अब बच्चे नहीं दिखते
कमरों में बंद बच्चों की ,अटखेलियां खो गयी
आज देखो दुनिया क्या से क्या हो गयी …….

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