Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
4 Aug 2020 · 1 min read

तुम

झुरमुट में छुपे
पूनम के चाँद सी तुम,
दूर बहुत दूर फ़िर भी
क्यों अपनी सी तुम l

क्यों भिगो देती हो
तन मन को,
सावन की भीनी-भीनी
गीली हवाओं सी तुम।।
सलिल

Language: Hindi
5 Likes · 4 Comments · 579 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

लड़ाई में भी परम शांति, निहित है,
लड़ाई में भी परम शांति, निहित है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
नंगापन (कुण्डलियां छंद-) Vijay Kumar Pandey 'pyasa'
नंगापन (कुण्डलियां छंद-) Vijay Kumar Pandey 'pyasa'
Vijay kumar Pandey
झुलसता जीवन
झुलसता जीवन
C S Santoshi
दीया इल्म का कोई भी तूफा बुझा नहीं सकता।
दीया इल्म का कोई भी तूफा बुझा नहीं सकता।
Phool gufran
आज फ़िर
आज फ़िर
हिमांशु Kulshrestha
मेहनत करने में जितना कष्ट होता है...
मेहनत करने में जितना कष्ट होता है...
Ajit Kumar "Karn"
घटा सुन्दर
घटा सुन्दर
surenderpal vaidya
जीवन मानव का मिला,ईश्वर का उपहार।
जीवन मानव का मिला,ईश्वर का उपहार।
डॉ ओम प्रकाश श्रीवास्तव ओम
"मुस्कुराहट"
Dr. Kishan tandon kranti
कभी और कभी
कभी और कभी
ललकार भारद्वाज
।। अछूत ।।
।। अछूत ।।
साहित्य गौरव
#खरी बात
#खरी बात
DrLakshman Jha Parimal
हम लड़के हैं जनाब...
हम लड़के हैं जनाब...
पूर्वार्थ
श्री कृष्ण भजन 【आने से उसके आए बहार】
श्री कृष्ण भजन 【आने से उसके आए बहार】
Khaimsingh Saini
फूल
फूल
Santosh Shrivastava
हमारे रक्षक
हमारे रक्षक
करन ''केसरा''
छठि
छठि
विधानन्द सिंह'' श्रीहर्ष''
अपना जीना कम क्यों हो
अपना जीना कम क्यों हो
Shekhar Chandra Mitra
हे जीवन पथ के पंथी
हे जीवन पथ के पंथी
Vishnu Prasad 'panchotiya'
ग़ज़ल
ग़ज़ल
आर.एस. 'प्रीतम'
😡 *प्रसंगवश व्यंग्य* :--
😡 *प्रसंगवश व्यंग्य* :--
*प्रणय प्रभात*
सुन मेरे बच्चे
सुन मेरे बच्चे
Sangeeta Beniwal
!! साल दर साल !!
!! साल दर साल !!
Jeewan Singh 'जीवनसवारो'
Festival Of Lights Goa Parra Village
Festival Of Lights Goa Parra Village
सोनम पुनीत दुबे "सौम्या"
रिश्ता उससे वाकई,.जोड़ा प्रभु ने खास ।
रिश्ता उससे वाकई,.जोड़ा प्रभु ने खास ।
RAMESH SHARMA
गर्दिश -ए - वक़्त ने बदल डाला ,
गर्दिश -ए - वक़्त ने बदल डाला ,
Dr fauzia Naseem shad
हिंदी की लेखक
हिंदी की लेखक
Shashi Mahajan
आपके मन की लालसा हर पल आपके साहसी होने का इंतजार करती है।
आपके मन की लालसा हर पल आपके साहसी होने का इंतजार करती है।
Paras Nath Jha
वो प्यार ही क्या जिसमें रुसवाई ना हो,
वो प्यार ही क्या जिसमें रुसवाई ना हो,
रुपेश कुमार
KHafef musaddas maKHbuun mahzuuf maqtuu.a
KHafef musaddas maKHbuun mahzuuf maqtuu.a
sushil yadav
Loading...