Sahityapedia
Sign in
Home
Your Posts
QuoteWriter
Account
30 Jul 2020 · 1 min read

"दो वक्त की रोटी"

घर से गली, गली से गांव, गांव से शहर, तक घूमता हूं।
मैं गरीब अपने लिए, नौकरी ढूंढता हूं।
भगवान की बनाई ,इस खूबसूरत दुनिया में।
अपने परिवार की खातिर ,दो वक्त की रोटी खोजता हूं।

Loading...