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28 Jul 2020 · 1 min read

आज़ाद गज़ल

क्या मिलेगा भला मुझे फरियाद कर के !
जब खुश हो खुदा ही बरबाद कर के ।

अब न लौटेंगे कभी इस गमे हयात में
जा रहा हूँ मैं बदन को आज़ाद करके ।

लुट गई हस्ती सरे राह चलते-चलते
देखा है मैंने रास्ते भी आबाद करके ।

भला हो तेरा मेरी किश्ती डुबोने वाले
ले मै चला तेरे मन की मुराद करके ।

किसको दुःख है अजय तेरे मरने का ?
कौन सा तू गया है कुछ इजाद करके ?
-अजय प्रसाद
AJAY PRASAD,9006233052
TGT ENGLISH DAV PS PGC BIHARSHARIF,NALANDA, BIHAR.

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