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27 Jul 2020 · 1 min read

गज़ल

212 212 212
टूट कर जो बिखर जाते हैं
क्या पता वो किधर जाते हैं ।

दिल में वो रहते हैं फ़िर कहाँ
जो नज़र से उतर जाते हैं ।

गैर कब तक भला साथ दे
अपने ही जब मुकर जाते हैं ।

पूछते हैं कहाँ हाल अब
दूर से ही गुजर जाते हैं ।

देखा है मैंने लोगों को भी
सब गवां कर सुधर जाते हैं ।
-अजय प्रसाद

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