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25 Jul 2020 · 1 min read

" सोशल मिडिया एक वरदान "

सोशल मिडिया कमाल है
अपने आप में बवाल है
नही इससे छिपा
कोई भी सवाल है ,

जब सवाल नही सुलझते हैं
सब आपस में उलझते हैं
फिर देखो सब कैसे
गूगल पर जा अटकते हैं ,

फेसबुक जब आया था
बिछड़ों को मिलाया था
इतने सालों बाद जाकर
सबने दोस्तों को गले लगाया था ,

पहले कुक बुक खरीद कर लाते थे
फिर हम पकवान पकाते थे
लाख कोशिशों के बाद भी
पन्नों पर दाग लगाते थे ,

अब स्क्रीन को सरकाते हैं
मनपसंद रेसीपि निकालते हैं
अपनी पसंद की डिश बनाकर
कूकिंग मास्टर बन जाते हैं ,

ऊँगलियाँ कीबोर्ड पर चलने लगीं
कविता कहाँनिया लिखने लगीं
जो बात कभी मुश्किल थी
आज आसां सी लगने लगी ,

कितनों को काम मिल गये
हजारों हजार आयाम जुड़ गये
नई पुरानी पीढ़ीयों के लिए
नित नये दरवाजे खुल गये ,

मिलने की नही मजबूरी है
पास रहना कहाँ ज़रूरी है
तुरंत वीडियो चैट खोल कर
पल में मिटती दूरी है ,

कैद कोरोना के जाल में
भंयकर आज के जंजाल में
सोशल मिडिया के सहारे
जी उठे हर हाल में ,

सोशल मिडिया समाधान है
इससे नही अपादान* है
इस इक्कीसवीं सदी में तो
ये सबसे बड़ा वरदान है ।

*बिलगाव
स्वरचित , मौलिक एवं अप्रकाशित
( ममता सिंह देवा , 24/07/2020 )

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