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25 Jul 2020 · 1 min read

गुरु

गुरु बिन ज्ञान ना उपजै मन मे //
गुरु बिन है सब सून //

गुरु बिन पाथर बनै ना हीरा //
गुरु बिन जीवन क्षीण //

गुरु की लीला गुरु ही जानै //
गुरु बिन निसिद्ध, सब काम //

गुरु से ही तो शिक्षित मानवजन //
गुरु बिन ज्ञान ना होये //

गुरु से ही तो जग है सारा //
गुरु बिन कल्पना क्षीण ओ साथी,
गुरु बिन कल्पना क्षीण //

~: कविराज श्रेयस सारीवान

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