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23 Jul 2020 · 1 min read

{“कलमकार” के “कलम” की कोर}

करोड़ों में से किसी एक को,
क़ामयाब कलमकार कहा जाता है।

वो लिख दे यदि यथार्थ को,
तो उसे मृषा पर अचूक वार कहा जाता है।

हर्ष-विरह एवं क्रोध-उन्माद को,
जिसकी पंक्तिबद्ध दरबार कहा जाता है।

कभी दर्शाये प्रेम एवं श्रृंगार को,
तो कभी उसे ज्वलंत अंगार कहा जाता है।

जिसकी शानदार “कलम की कोर” को,
“हृदय” दो धारी तलवार कहा जाता है!
-रेखा “मंजुलाहृदय”

Language: Hindi
7 Likes · 6 Comments · 637 Views
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