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15 Jul 2020 · 1 min read

*”सावन की घटा”*

“सावन की घटा”
सावन की घटा छाई ,
ऋतु मनभावन आई ,
मन में उमंग लाई ,
हरियाली छाई है।
?️⛈️?️?️⛈️?️?️
काली काली घटा छाई ,
धरती भी मुस्काई ,
बरखा बहार आई ,
मन हरषाई है।
?️⛈️?️?️⛈️?️⛈️?️
हरियाली चहुँ ओर ,
प्रीत संग बंधी डोर ,
चातक करते शोर,
मन भरमाये है।
?️⛈️?️⛈️?️?️⛈️?️
झूला डले आम पर ,
पँछी उड़े डाल पर ,
शीतल जल फुहार ,
खुशियाँ अपार है।
?️⛈️?️?️?️⛈️?️?️
हाथों में मेहंदी रचे ,
हरी हरी चूड़ी सजे ,
पाँव पैजनिया बजे ,
प्रेम गीत गाई है।
?️⛈️?️?️?️⛈️?️⛈️
शशिकला व्यास ✒️

5 Likes · 1 Comment · 625 Views
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