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14 Jul 2020 · 1 min read

इल्म

जो बात अनसुनी की थी,
तुमने सोचा सुनी ही नही

शब्दों को तकते तुम
खामोशी कहाँ पढ़ पाते?

जवाब दिया तो था “चुप रहकर”

तुम्हे ये इल्म भी नही
कि अज़ीज़ हो तुम!!!

Language: Hindi
2 Likes · 313 Views
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