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11 Jul 2020 · 1 min read

अलविदा से पहले

अलविदा से पहले
आओ पास बैठो
निहारें एक दूजे को
हो जाएँ नि:शब्द
ऐसे ही बीत जाने दें यह शाम

जब तुमने जाने का फैसला कर ही लिया है
तो मैं कौन होता हूँ तुम्हें रोकने वाला
तुम्हारी अपनी सोच है
अपनी जिंदगी है
अच्छा है क्या बुरा
तुम बखूबी समझती ही होगी

बहुत से सवाल हैं मेरे पास
जो मैं तुमसे पूछना चाहता था
यह बात शायद तुम भी जानती होगी
लेकिन तुमने मेरे सवालों का
जवाब देने की कभी जुर्रत नहीं समझी

कुछ पीले पत्ते टूटकर चुपचाप गिर जाते हैं
ऐसे ही कुछ लोग नजरों से उतर जाते हैं
दोनों को ही उठाया नहीं जाता
उन्हें रौंद कर लोग आगे बढ़ जाते हैं

देखो तुम्हारा कोई सामान छूटने ना पाये
साड़ियाँ जूते घडियां मोबाइल और लैपटाप वगैरह
रख तो लिये हैं ना तुमने
आज से पहले कोई शाम ऐसी न थी
लगता है अंधेरा सब कुछ निगल जायेगा
यह एक उदास शाम है
कॉफी तो साथ पी ही जा सकती है
अलविदा से पहले।

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