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28 Jun 2020 · 1 min read

काँटों में है गुलाब क्या करें

काँटों में है गुलाब क्या करें
आँखों में है शैलाब क्या करें

जो हक़ीक़त होना मुमकिन नहीं
देखे हैं ऐसे ख़्वाब क्या करें

ग़मों को गिनेंगे तो और ग़म होगा
ऐ ज़िंदगी तेरा हिसाब क्या करें

इस हाल में हँसी आये तो कैसे ‘अर्श’
दिल का मौसम है खराब क्या करें

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