Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
26 Jun 2020 · 1 min read

मर्यादापुरूषोत्तम

अजब अवतार थे आप
गजब अवतार थे आप
सारे अवतारों में
सर्वश्रेष्ठ अवतार थे आप ,
आपने खुद को मनुष्य जाना
मर्यादा में रहने का प्रण ठाना ,
बड़ा अनोखा अवतार था
प्रभु में नर का वास था ,
हर रूप में दिव्य रूप दिखाया
इस रूप में बस मस्तक झुकाया ,
आपको था पता…
ये अवतार सबसे कठिन अवतार है
मनुष्य का जीवन कष्टों का सार है
फिर भी इस योनी को अपनाया
” सीमा ” जिसके अधीन नही थे आप
परन्तु उसी में रहते हुये खुद को
” मर्यादापुरूषोत्तम ” कहलवाया ।

स्वरचित एवं मौलिक
( ममता सिर्फ देवा , 23/02/18 )

Language: Hindi
4 Comments · 294 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Mamta Singh Devaa
View all

You may also like these posts

कुंडलिया - गौरैया
कुंडलिया - गौरैया
sushil sarna
सितमज़रीफ़ी
सितमज़रीफ़ी
Atul "Krishn"
ਮਿਲੇ ਜਦ ਅਰਸੇ ਬਾਅਦ
ਮਿਲੇ ਜਦ ਅਰਸੇ ਬਾਅਦ
Surinder blackpen
ये राष्ट्रभक्ति का उपहार प्रिये
ये राष्ट्रभक्ति का उपहार प्रिये
Acharya Shilak Ram
नेता
नेता
विशाल शुक्ल
Dr Arun Kumar shastri
Dr Arun Kumar shastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
क्यों जीना है दहशत में
क्यों जीना है दहशत में
Chitra Bisht
कल की तस्वीर है
कल की तस्वीर है
Mahetaru madhukar
करियट्ठी फ़िल्म रिव्यू भोजपुरी में
करियट्ठी फ़िल्म रिव्यू भोजपुरी में
Shakil Alam
শিবের কবিতা
শিবের কবিতা
Arghyadeep Chakraborty
नियम पुराना
नियम पुराना
हिमांशु बडोनी (दयानिधि)
जीवन के अच्छे विचार
जीवन के अच्छे विचार
Raju Gajbhiye
सबको प्रेषित शुभकामना
सबको प्रेषित शुभकामना
Dr. Sunita Singh
जीवन सरल नही
जीवन सरल नही
Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
आज तो मेरी हँसी ही नही रूकी
आज तो मेरी हँसी ही नही रूकी
MEENU SHARMA
वह प्रेम तो उससे करती, पर विवाह न करती
वह प्रेम तो उससे करती, पर विवाह न करती
Karuna Goswami
4386.*पूर्णिका*
4386.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
शुभ हो,
शुभ हो,
Shreedhar
..
..
*प्रणय प्रभात*
ঘূর্ণিঝড় পরিস্থিতি
ঘূর্ণিঝড় পরিস্থিতি
Otteri Selvakumar
मेरे वतन सूरज न निकला
मेरे वतन सूरज न निकला
Kavita Chouhan
रात भर नींद भी नहीं आई
रात भर नींद भी नहीं आई
Shweta Soni
*बहुत सुंदर इमारत है, मगर हमको न भाती है (हिंदी गजल)*
*बहुत सुंदर इमारत है, मगर हमको न भाती है (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
निगाहे  नाज़  अजब  कलाम  कर  गयी ,
निगाहे नाज़ अजब कलाम कर गयी ,
Neelofar Khan
"जन्नत"
Dr. Kishan tandon kranti
सांसें स्याही, धड़कनें कलम की साज बन गई,
सांसें स्याही, धड़कनें कलम की साज बन गई,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
भगवान भले ही मंदिर, मस्जिद, गुरुद्वारा, और चर्च में न मिलें
भगवान भले ही मंदिर, मस्जिद, गुरुद्वारा, और चर्च में न मिलें
सोनम पुनीत दुबे "सौम्या"
कितने बदल गये
कितने बदल गये
Suryakant Dwivedi
हाय गरीबी जुल्म न कर
हाय गरीबी जुल्म न कर
कृष्णकांत गुर्जर
बस यूँ ही तेरा ख्याल आ गया
बस यूँ ही तेरा ख्याल आ गया
डॉ. एकान्त नेगी
Loading...