Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
26 Jun 2020 · 1 min read

” आई – अम्माँ , मॉम – मम्मा “

दुनियाँ की सभी माओं को समर्पित ???

अम्माँ अम्माँ करते आधा युग बीत गया
मम्मा मम्मा सुनते एक चौथाई
बच्चों की हर आवाज़ पर माँ बोली
मैं आई मैं आई…मैं आई मैं आई ,
अम्माँ की नींद मैं सोई
मेरी नींद मेरे बच्चे
युगों युगों से ये परंपरा
निभाई सबने हँसते हँसते ,
माँ शब्द में ऐसा जादू है
नही किसी का क़ाबू है ,
आई – अम्माँ , मॉम – मम्मा
इससे फ़र्क़ क्या पड़ता है
हर बच्चे का अपनी माँ से
नाभि से कट कर जुड़ता दिल से रिश्ता है ,
इस शुद्ध पावन रिश्ते में
मिलावट की गुंजाईश नही
ऐसा कौन सा बच्चा है
जो अपनी माँ की पैदाईश नही ,
हर माँ भगवान बन कर
जन्म देती नन्हें भगवान को
वक़त इसकी समझना होगा
एक – एक हर इंसान को ,
माँ हूँ माँ को जानती हूँ
उसकी सब रग पहचानती हूँ
माँ के हर इक त्याग के पीछे का
ममत्व – महत्व समझती हूँ ,
इस रिश्ते की क़ीमत
कोई कैसे चुका सकता है
इंसान होकर क्या कोई
भगवान का मोल लगा सकता है ?

स्वरचित एवं मौलिक
( ममता सिंह देवा , 10/05/2020 )

Language: Hindi
2 Comments · 445 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Mamta Singh Devaa
View all

You may also like these posts

वीर जवान --
वीर जवान --
Seema Garg
चापलूसों और जासूसों की सभा में गूंगे बना रहना ही बुद्धिमत्ता
चापलूसों और जासूसों की सभा में गूंगे बना रहना ही बुद्धिमत्ता
Rj Anand Prajapati
प्रेम
प्रेम
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
सबसे प्यारा माॅ॑ का ऑ॑चल
सबसे प्यारा माॅ॑ का ऑ॑चल
VINOD CHAUHAN
कुण्डलिया छंद
कुण्डलिया छंद
sushil sharma
शुरूआत
शुरूआत
NAVNEET SINGH
कुछ आप भी तो बोलिए।
कुछ आप भी तो बोलिए।
Priya princess panwar
*इसलिए बहू का अभिनंदन, सासों की जय-जयकार करो (राधेश्यामी छंद
*इसलिए बहू का अभिनंदन, सासों की जय-जयकार करो (राधेश्यामी छंद
Ravi Prakash
ग़ज़ल _ क्या हुआ मुस्कुराने लगे हम ।
ग़ज़ल _ क्या हुआ मुस्कुराने लगे हम ।
Neelofar Khan
सैलाब .....
सैलाब .....
sushil sarna
#महाकुंभ
#महाकुंभ
शालिनी राय 'डिम्पल'✍️
"गणेश चतुर्थी की शुभकामना "
DrLakshman Jha Parimal
- इज्जत और आत्महत्या -
- इज्जत और आत्महत्या -
Priyank Upadhyay
*नयन  में नजर  आती हया है*
*नयन में नजर आती हया है*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
प्यार क्या होता, यह हमें भी बहुत अच्छे से पता है..!
प्यार क्या होता, यह हमें भी बहुत अच्छे से पता है..!
SPK Sachin Lodhi
અણધારી મુલાકાત
અણધારી મુલાકાત
Iamalpu9492
पैगाम
पैगाम
Shashi kala vyas
"जब मन समझे" ️
©️ दामिनी नारायण सिंह
* भीम लक्ष्य **
* भीम लक्ष्य **
भूरचन्द जयपाल
बसंत (आगमन)
बसंत (आगमन)
Neeraj Kumar Agarwal
कौन कहता है कि लहजा कुछ नहीं होता...
कौन कहता है कि लहजा कुछ नहीं होता...
दीपक बवेजा सरल
4267.💐 *पूर्णिका* 💐
4267.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
ओ आदम! तू चल आहिस्ता।
ओ आदम! तू चल आहिस्ता।
पंकज परिंदा
यहां लोग सच बोलने का दावा तो सीना ठोक कर करते हैं...
यहां लोग सच बोलने का दावा तो सीना ठोक कर करते हैं...
Umender kumar
ये क्या किया जो दिल को खिलौना बना दिया
ये क्या किया जो दिल को खिलौना बना दिया
Dr Archana Gupta
चोंच से सहला रहे हैं जो परों को
चोंच से सहला रहे हैं जो परों को
Shivkumar Bilagrami
"जीवन का सफर"
Dr. Kishan tandon kranti
खिलती हुई फिज़ाएं है ,कुछ सर्द सी हवा
खिलती हुई फिज़ाएं है ,कुछ सर्द सी हवा
Dr fauzia Naseem shad
"फितरत"
Ekta chitrangini
तेरा चहेरा नज़र आता है
तेरा चहेरा नज़र आता है
Sonu sugandh
Loading...