Sahityapedia
Sign in
Home
Your Posts
QuoteWriter
Account
26 Jun 2020 · 1 min read

बिन कहे हर बात हो

बिन कहे हो बयां हालात
बस इशारों से बात हो
कहना जरूरी हो अगर
बस निगाहों से बात हो

हो शुरू कहीं से भी मगर
बस धड़कनों में बात हो
खामोशियों के आलम में
बस मुहब्बत के जज्बात हो

उनकी खुशबू ले आए हवाएं
मदहोश से दिल के हालात हो
तड़प हो दिल में इकरार की
बस ऐसी इक मुलाकात हो

रौशन हो जो नूर से उनके
बस वो सुहानी सी रात हो
बाहों में वो चांदनी की तरह
चांद तारों की बारात हो

होंठों पर होंठ जाए ठहर
बस बेखुद से वो लम्हात हो
दरमियां न हवा भी गुजर सके
बस इतने करीब से बात हो
++++++++++++++++++
© गौतम जैन ®

Loading...