Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
25 Jun 2020 · 1 min read

” दर्द -ए- दिल “

” दर्द -ए- दिल ”

*************************

छुपा के दर्द जहां का सीने में चल दिए
क्या बेबसी हुई जो तुम मुस्कुराके चल दिए
हम जानते हैं तुम बेवफा तो नहीं
फिर क्यूँ आंखों में अश्कों को छुपा के चल दिए
छुपा के दर्द जहां का सीने में चल दिए!

तेरी रह गुजर मे हमने सीखा था दिल लगाना
किस बात की कमी थी जो ठुकरा के चल दिए
तेरे थे हम सनम कोई गैर तो नहीं
अपना बना के हमको फिर छोड़ चल दिए
छुपा के दर्द जहां का सीने में चल दिए !

दिल तेरा था मेरा आशियाना खाली करा दिए
हम अपने थे सनम तेरे किराएदार बना दिए
क्या कमी थी जो हमे अपनों में माना ही नहीं
बेरुखी ऐसी भला क्यूँ झटक के चल दिए
छुपा के दर्द जहां का सीने में चल दिए !

मासूम सी अदा पर तेरी दिल हमने लुटा दिए
इस दिल के आईने को तोड़ के चल दिए
दिल में हमें अपने कभी बसाया ही नहीं
हम देखते रहे चौकठ से तुम भुला के चल दिए !
छुपा के दर्द जहां का सीने में चल दिए !

नैनों में बसी थी जो वो तस्वीर मिटा दिए
हाथों में लिखी थी जो वो लकीर मिटा दिए
लिखा जो तुमने प्यार का फसाना ही नहीं
हम पूछते रहे और तुम नजरें झुका के चल दिए
छुपा के दर्द जहां का सीने में चल दिए!

*****सत्येन्द्र प्रसाद साह (सत्येन्द्र बिहारी)*****

5 Likes · 7 Comments · 344 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

प्रेम ईश्वर
प्रेम ईश्वर
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
भार्या
भार्या
Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
School ke bacho ko dusre shehar Matt bhejo
School ke bacho ko dusre shehar Matt bhejo
Tushar Jagawat
*गले लगाओ मिलकर नाचें, डालें रंग गुलाल।
*गले लगाओ मिलकर नाचें, डालें रंग गुलाल।
संजय निराला
सबसे क़ीमती क्या है....
सबसे क़ीमती क्या है....
Vivek Mishra
What Was in Me?
What Was in Me?
Bindesh kumar jha
पुरुष नाजुक सा बच्चा है।
पुरुष नाजुक सा बच्चा है।
Rahul Singh
बना है राम का मंदिर, करो जयकार - अभिनंदन
बना है राम का मंदिर, करो जयकार - अभिनंदन
Dr Archana Gupta
मेरा घर
मेरा घर
हिमांशु बडोनी (दयानिधि)
हार में मुस्कुरा के जीत देखता हूँ मैं।
हार में मुस्कुरा के जीत देखता हूँ मैं।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
मेरी प्रिया *********** आ़ॅंसू या सखी
मेरी प्रिया *********** आ़ॅंसू या सखी
guru saxena
तिलक लगाओ माथ या,
तिलक लगाओ माथ या,
sushil sarna
इस शहर से अब हम हो गए बेजार ।
इस शहर से अब हम हो गए बेजार ।
ओनिका सेतिया 'अनु '
चाय और राय,
चाय और राय,
शेखर सिंह
पिला दिया
पिला दिया
Deepesh Dwivedi
कुछ ज़ख्म अब
कुछ ज़ख्म अब
सोनम पुनीत दुबे "सौम्या"
आकाशवाणी: अंतरिक्षवाणी
आकाशवाणी: अंतरिक्षवाणी
Jeewan Singh 'जीवनसवारो'
कहानी
कहानी
अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’
कुदरत का करिश्मा है दरख्तों से खुशबू का महकना है ,,
कुदरत का करिश्मा है दरख्तों से खुशबू का महकना है ,,
Neelofar Khan
"लाल गुलाब"
Dr. Kishan tandon kranti
सुबह-शाम
सुबह-शाम
Surinder blackpen
ज़िंदगी देख
ज़िंदगी देख
Dr fauzia Naseem shad
- अजीब किरदार था तुम्हारा -
- अजीब किरदार था तुम्हारा -
bharat gehlot
क्या कहा?
क्या कहा?
Kirtika Namdev
दुनिया में कहे खातिर बहुते इयार
दुनिया में कहे खातिर बहुते इयार
आकाश महेशपुरी
What consumes your mind controls your life
What consumes your mind controls your life
पूर्वार्थ
" आज़ का आदमी "
Chunnu Lal Gupta
यही है हमारा प्यारा राजनांदगांव...
यही है हमारा प्यारा राजनांदगांव...
TAMANNA BILASPURI
श्रेष्ठ रचनाएं
श्रेष्ठ रचनाएं
*प्रणय प्रभात*
कभी उत्कर्ष कभी अपकर्ष
कभी उत्कर्ष कभी अपकर्ष
Mrs PUSHPA SHARMA {पुष्पा शर्मा अपराजिता}
Loading...