Sahityapedia
Sign in
Home
Your Posts
QuoteWriter
Account
11 Jun 2020 · 1 min read

यादों के जंगलों में, खतरा ही खतरा l

यादों के जंगलों में, खतरा ही खतरा l
खूंखार खूंखार वक्त, बिखरा बिखरा ll

प्यास, मधुर मस्त यादें, बस कुछ पल सुख दें l
विरह दुखों से मुखड़ा, रहे उतरा उतरा ll

अरविन्द व्यास “प्यास”

Loading...